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प्रदेश में लगातार 3 दिन से कोरोना मरीजों का दोहरा शतक,
शुक्रवार को 213 नए पॉजिटिव केस हुए दर्ज,
बुधवार को आए 202,
गुरुवार को 206,
3 दिन में राजस्थान में 621 नए पॉजिटिव केस दर्ज

जयपुर, 15 मई | मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि करीब दो माह से चल रहे लॉकडाउन की पीड़ा झेल रहे प्रवासियों एवं श्रमिकों को संबल देने के लिए क्वारेंटीन शिविरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना हम सबकी जिम्मेदारी है । उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे श्रमिकों की तकलीफ को समझे और क्वारेंटीन सेंटरों में रह रहे इन श्रमिकों के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज लागू करें, ताकि संकट की इस घड़ी में उन्हें राहत मिल सके। ग्राम स्तरीय क्वारेंटाइन समितियों तक भी इन नवाचारों को पहुंचाया जाए। श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रवासियों के सुरक्षित आवागमन, क्वारेंटीन एवं शिविरों की व्यवस्था को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा कर रहे थे । उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन की रक्षा करना और मुसीबत के समय में प्रवासियों की पीड़ा को कम कर करना हमारा ध्येय होना चाहिए। अधिकारी इसकी गहन मॉनिटरिंग करें कि क्वारेंटीन सेंटरों और शिविरों में श्रमिकों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि हॉट-स्पॉट और कपर्यू एरिया को छोड़कर प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले व्यक्तियों को 14 दिन के लिए क्वारेंटीन नहीं किया जाए। केवल उन्हीं लोगों को क्वारेंटीन करें, जिनमें सर्दी, खांसी या जुकाम (आईएलआई) के लक्षण पाए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सीमावर्ती जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों जैसे भिवाड़ी, नीमराणा आदि में प्रतिदिन व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आने वाले दूसरे राज्यों के उद्यमियों एवं श्रमिकों को भी क्वारेंटीन नहीं किया जाए।


लोगों ने मास्क को दिनचर्या का हिस्सा बनाया यह अच्छा संकेत
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने मास्क लगाने को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है यह अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना को लेकर अब जागरूकता आने लगी है । इससे ही हम लॉकडाउन में और अधिक छूट देने तथा जीवन रक्षा के लिए तैयार हो सकेंगे लोगों के ये सकारात्मक प्रयास ही इस लड़ाई से जीतने में मददगार होंगे।


ग्रामवासियों का मिल रहा सहयोग
राज्य स्तरीय क्वारेंटीन प्रबंधन समिति की अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी श्रीमती वीनू गुप्ता ने क्वारेंटीन शिविरों की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नागौर में क्वारेंटीन सेंटरों में रह रहे ज्यादातर लोगों को घर का खाना मिल रहा है। बारां में करीब 2 हजार प्रवासियों को संस्थागत क्वारेंटीन से होम क्वारेंटीन में शिफ्ट कर दिया है। क्वारेंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिए शारीरिक शिक्षकों, सामाजिक संस्थाओं आदि से सहयोग लिया जा रहा है । प्रशासन को इसमें ग्रामवासियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है ।


पश्चिम बंगाल सरकार ने भी दी सहमति
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी राज्यों को ट्रेनों के जरिए प्रवासियों को भेजने की सहनति दे दी है । राज्य सरकार के स्तर पर एनओसी का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। प्रवासियों के आवागमन के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेनें उपलब्ध हैं। अब पश्चिम बंगाल सरकार ने भी राजस्थान से प्रवासी श्रमिकों के आवागमन के लिए सहमति दे दी है । बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार, शासन सचिव आपदा राहत श्री सिद्धार्थ महाजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आज सबसे ज्यादा 206 केस, 4534 कुल;

जयपुर 20 (1362)
 
जोधपुर 36 (955)

उदयपुर 59 (316) 

जालौर 22 (64) 

नागौर 17 (156) 

अलवर-करौली-कोटा-डूंगरपुर 1-1 

राजसमंद-चूरू 4 - 4 

पाली-झुंझुनूं 5 -5 

अजमेर-सीकर 7-7 

बाड़मेर-सिरोही 8 - 8; 

प्रवासी 93,
आज 4 (125) की मौत;

रिकवर 65 (2638)!

जैसलमेर ताजा-तरीन खबर | CRPF के सब-इंस्पेक्टर ने किया सुसाइड, सब इंस्पेक्टर फतेह सिंह ने सर्विस राइफल से खुद को मारी गोली, मृतक के पास से सुसाइड नोट हुआ बरामद, लिखा - 'मेरे शव को हाथ नहीं लगाना, डर है कि मुझे कोरोना तो नहीं, जैसलमेर के चांधन कस्बे के पास सगरा गांव का था निवासी, अनंतनाग जिले के मटन गांव में था 96 वी बटालियन मे था तैनान, कोरोना की जांच के लिए सैम्पल भी लिया ।

जालोर -> जालोर में कोरोना विस्फोट, एक साथ निकले नए 28 पॉजिटिव केस, जिले भर में हुए कुल 43 कोरोना के पॉजिटिव केस, प्रशासन व चिकित्सा विभाग में मचा हड़कंप,CMHO गजेंद्र सिंह देवल ने ट्वीट कर दी जानकारी।

कुल मरीज 4126,आज 138;

 उदयपुर 42(224) 
जयपुर 34(1281) 
जोधपुर 25(911) 
अजमेर 3(235) 
बीकानेर 1(40) 
चित्तौड़ 1(142) 
चूरू 6(24) 
दौसा 3(27) 
हनुमानगढ़ 1(12) 
जैसलमेर 3(40) 
झुंझुनूं 4(46) 
कोटा 5(264) 
नागौर 6(137) 
पाली 1(68) 
राजसमंद 1(21) 
सीकर 2(11); 
आज 4(117) मौत!!

आवश्यक रखरखाव हेतु  दिनांक 11/05/2020 को सुबह 6 से 10 बजे तक पचपदरा , बागुंदी , पाटोदी , बरनावा जीएसएस से निकलने वाले सभी 11 केवी फीडर की विद्युत सप्लाई बन्द रहेगी जिस से पचपदरा , थोब , बागुडी , दुदवा , चांदेसरा , पाटोदी, रिंचोली , बरनावा , सिमारखिया , नवातला , साजियाली और संबंधित क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति  बन्द रहेगी।

बाड़मेर, 8 मई।  कोरोना संक्रमण से बचाव को लोक डाउन के कारण फ़ंसे प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के तहत रविवार को एक विशेष रेलगाड़ी बाड़मेर से बिहार जाएगी।  यह यह रेल दिन को 12:00 बजे प्रस्थान करेगी।  
         जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी की राजस्थान सरकार की योजना के अंतर्गत रविवार को बाड़मेर से बिहार के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाई जाएगी। यह बिहार में मोतिहारी को बाड़मेर से 1200 श्रमिको को लेकर प्रस्थान करेगी। इसमें बाड़मेर, बालोतरा, गुड़ामालानी, सिवाना एवं सिणधरी से श्रमिक जाएंगे। ये सभी प्रातः 8 बजे बाड़मेर रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। इससे पूर्व इन सभी की मेडिकल जांच की जाएगी। रेल की रवानगी के सम्बंध में शनिवार को जिला कलेक्टर ने वी सी के जरिए बैठक कर विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा की। 
बैठक में पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींव सिंह भाटी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन दान रतनू समेत सम्बंधित अधिकारी मौजूद थे।

पूर्व पंजीकृत ही जा पाएंगे 
विशेष रेल से जाने वाले श्रमिको की सूचि पहले से ही जिला प्रशासन ने तैयार कर ली थी, जिस पर बिहार सरकार द्वारा स्वीकृति जारी की जा चुकी है। जिला कलेक्टर ने बताया कि इस रेल से पूर्व में पंजीकृत श्रमिक ही जा पाएंगे, नए लोगो को शामिल नही किया जाएगा।

खाना-पानी भी मिलेगा
विशेष रेल से जाने वाले सभी श्रमिको को जिला प्रशासन द्वारा भोजन के पैकेट तथा पानी की बोतल दी जाएगी। साथ ही उन्हें मास्क एवं सेनेटाइजर भी मिलेंगे।

रेल होगी सेनेटाइज
विशेष रेल की रवानगी से पूर्व उस पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा। वही इससे पहले पूरा रेलवे प्लेटफॉर्म ही सेनेटाइज किया जाएगा।


बाड़मेर | जिले के सिणधरी तहसील के बामणी गांव निवासी एक व्यक्ति के नमूने की
जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी ने बताया कि यह व्यक्ति चार मई को मुंबई से अपने गांव लौटा था। जहां उसको ए एन एम के माध्यम से होम क्वारेंटाइन किया गया था। 6 मई को श्वास की तकलीफ होने पर बाड़मेर अस्पताल रेफर किया गया था तथा 7 मई को उसका नमूना लिया गया। इसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक स्वास्थ्य टीम के साथ बामणी पहुंच गए है तथा इलाके की स्क्रीनिंग की जा रही है।इधर, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एल मंसुरिया ने बताया कि मरीज को आएशोलेशन पर रखने के साथ सारी सावधानियां बरती जा रही है।

आपको बता दे कि जिले में अब तक 5 कोरोना संक्रमित पाए गए है।

जयपुर | सहकारिता मंत्री, श्री उदयलाल आंजना ने गुरूवार को बताया कि राज्य के अधिकाधिक किसानों को समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चना खरीद का लाभ मिल सके। इसके लिए केन्द्रों पर प्रतिदिन अधिकतम 120 किसानों से तुलाई के लिए एसएमएस की संख्या गुरूवार से दोगुनी कर दी गई है। प्रारंभ में खरीद केन्द्र पर अधिकतम 60 किसानों से तुलाई हो रही थी।
 
 श्री आंजना ने बताया कि सरसों एवं चना के लिए 799 खरीद केन्द्र स्वीकृत किये गये है और आवश्यकता होने पर खरीद केन्द्रों की संख्या बढाई जा रही है। उन्होंने बताया कि तुलाई के एसएमएस की संख्या दोगुनी हो जाने से किसानों से शीघ्र खरीद संभव हो पाएगी। किसानों को यह सुविधा भी प्रदान की जा रही है कि उन्हें एसएमएस के द्वारा केवीएसएस के अधिकृत कार्मिक के नम्बर भी भेजे जा रहे है ताकि वह उससे संपर्क कर शीघ्र अपनी उपज को बेच सके।
 
 सहकारिता मंत्री ने बताया कि 6 मई तक सरसों एवं चना के लिए 4 लाख 62 हजार 623 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसमें से 2 लाख 60 हजार 623 सरसों एवं 2 लाख 1 हजार 997 चना के है। उन्होंने बताया कि 139 खरीद केन्द्रों पर पंजीयन की क्षमता पूरी हो गई थी। इन केन्द्रों (सरसों के 52 तथा चना के 87) की पंजीयन सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इस निर्णय से करीब 10 हजार किसानों को और लाभ होगा।
 
 प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री नरेश पाल गंगवार ने बताया कि 17 हजार 118 किसानों से 203.65 करोड़़ रूपये की सरसों एवं चना की खरीद 6 मई तक की जा चुकी है। खरीद केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उपज बेचान के लिए 78 हजार 849 किसानों को एसएमएस द्वारा सूचित किया जा चुका है।
 राजफैड की प्रबंध निदेशक श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने बताया कि किसानों को उनकी सुविधाा के अनुसार उपज बेचान हेतु खरीद केन्द्र का आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 9 हजार 968 किसानों को 118.04 करोड़ रूपये का भुगतान सरसों, चना एवं गेहूं के पेटे राजफैड द्वारा किया जा चुका है। किसानों को तीन दिन में भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है।

जयपुर | पशुपालन विभाग ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान पशुओं को रोगों से बचाने एवं पशुपालकों को राहत पहुंचाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। राज्य में पशु चिकित्सा से जुडी तमाम ईकाईयां पूर्व की तरह यथावत खुली हैं एवं रोगी पशुओं की नियमित चिकित्सा की जा रही है।
 
पशुपालन मंत्री श्री लाल चन्द कटारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से कोविड-19 के संक्रमण के दौरान दिए गए निर्देशों के अनुसार पशुओं और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन में 65 प्रकार की औषधियां विभागीय चिकित्सा इकाइयों पर उपलब्ध है जबकि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पशु स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क, सेनेटाइजर, साबुन, ग्लब्स उपलब्ध कराए गए हैं।
 
उन्होने बताया कि पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजनान्तर्गत राज्य के सभी जिलों में पशु दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था की हुर्ई है।
 
 श्री कटारिया ने बताया कि राज्य की एकमात्र पशु वैक्सीन उत्पादक जैविक ईकाई द्वारा मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए गलघोंटू, फड़किया और लंगड़ा बुखार के 7 लाख टीकों का पशु चिकित्सा सस्ंथाओं को वितरण किया जा चुका है जबकि अगले सप्ताह तक 15 लाख और टीकों का वितरण कर दिया जाएगा। 
 
उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान पशु चारे के परिवहन को अनुमत कराया जा चुका है और राज्य की 1950 पंजीकृत गौशालाओं को पशुओं के भरण-पोषण के लिए 270 करोड़ रूपए के अनुदान का प्रावधान किया गया है जिसमें से 100 करोड़ रूपए का भुगतान पंजीकृत गौशालाओं के लिए किया जा चुका है। 
 
पशुपालन, मत्स्य और डेयरी की सभी गतिविधियां अनुमत 
 
पशुपालन मंत्री ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के तहत वर्तमान में चल रहे लॉक डाउन में राज्य में पशुपालन, मत्स्य और डेयरी की सभी गतिविधियां प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अनुमत की गई है। उन्हाेंने बताया कि पशु दाना व चारा, मुर्गी दाना, मछली आहार और पशुधन उत्पाद की बिक्री करने वाली दुकानें भी इसमें शामिल है। साथ ही मुर्गी पालन के लिए सभी विनिर्माण इकाईयां जिसके अन्तर्गत पैकेजिंग और अन्य इकाईया जो आपूर्ति का हिस्सा है को भी अनुमत किया गया है।
 
 
35 हजार पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़
 
श्री कटारिया ने बताया कि विभाग की ओर से राज्य के पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लगभग 35 हजार पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़वाया जा चुका है और उनके आवेदन संबंधित बैंकों को अग्रेषित करवाये जा चुके हैं।
 
विभागीय गतिविधियों को गति देने के लिए
134 करोड़ की कार्य योजना बनाई
 
पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के तहत विभागीय गतिविधियों को पुनः गति प्रदान करने के लिए 134.31 करोड़ की कार्य योजना तैयार की गई है जिसमें पशु स्वास्थ्य, नस्ल सुधार, कुक्कुट तथा ऊंट पालन के लिए प्रोत्साहन कार्य किए जाएंगे। साथ ही अनुसूचित जनजाति विकास के अन्तर्गत प्रदेश में आदिवासी जाति के पशुपालकों के विकास के लिए 12.61 करोड़ के त्रिवर्षीय प्रस्ताव भी तैयार कर आयोजना विभाग को भिजवाए गए है।

जयपुर | जिला प्रशासन को लॉकडाउन के कारण अपने घरों में रहने को मजबूर, रोज खाने कमाने वालों, श्रमिकों, माइग्रेन्ट्स व अन्य जरूरतमंदों के लिए दोनों समय के भोजन की चुनौती को पूरा करते हुए हुए बुधवार को डेढ माह पूरा हो गया। 23 मार्च को मात्र 1000-1200 फूड पैकेट्स के वितरण से प्रारम्भ हुआ यह सफर अब तक लाखों जरूरतमंदों को फूड पैकेट्स के वितरण के बाद भी अनवरत जारी है। मुख्यमंत्री के संकल्प ‘‘एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए‘‘ से प्रेरित जिला प्रशासन, अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रयासों से शहर में जब तक लॉकडाउन के कारण एक भी व्यक्ति को भोजन की जरूरत है, यह सिलसिला अनवरत जारी रहेगा। 
 
जिला कलक्टर डॉ.जोगाराम ने बताया कि कोविड-19 और इससे जुड़ी चुनौतियां जिला प्रशासन के लिए भी नई थीं, इनमें चिकित्सकीय पहलू के साथ सबसे बड़ी चुनौती हर जरूरतमंद तक भोजन पहुंचाने की थी। पीडीएस और कच्ची राशन सामग्री वितरण के बावजूद तत्काल जरूरतमंदों की मांग का आकलन कर तैयार खाना पहुंचाना सबसे जरूरी और चुनौतीपूर्ण काम था। रोजाना इतनी बड़ी संख्या में फूड पैकेट्स का निर्माण, परिवहन और जरूरतमंद तक वितरण काफी श्रम एवं समय साध्य है। शुरूआत में सबसे पहले नगर निगम के 13 रैन बसेरा स्थलों एवं अक्षय पात्र द्वारा करीब 20 अक्षय कलेवा स्थलों पर तैयार खाने का वितरण प्रारम्भ किया गया लेकिन धीरे-धीेरे मांग बढने लगी। 
 
जिला कलक्टर ने बताया कि जब शहर में मांग तेजी से बढी तो नगर निगम जयपुर के आयुक्त श्री वी.पी.सिंह के निर्देशन में जयपुर स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट के सीईओ श्री लोकबन्धु एवं उनकी पूरी समर्पित टीम इसके लिए तैयार की गई, जिसकी जिम्मेदारी न सिर्फ भोजन का निर्माण और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वितरण कराना बल्कि पूरे तंत्र मे आने वाली हर समस्या का त्वरित समाधान करना था। खाने की गुणवत्ता और समयबद्धता पर भी इस टीम को पूरी निगरानी रखनी थी जिसे उन्होने बखूबी निभाया।
 
व्यवस्था के प्रारम्भ में अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय श्री पुरूषोत्तम शर्मा ने फूड निर्माण एवं वितरण का ढांचा तैयार किया एवं डीएसओ श्री कनिष्क सैनीे ने संस्थाओं से बात कर इस व्यवस्था में अहम योगदान दिया। जिला कलक्टे्रट कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष श्री अमित जैमन और महासचिव श्री प्रदीप सिंह राठौड़ के नेतृत्व में पूरी कर्मचारी यूनियन ने भी व्यवस्था को जमाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी।  सिविल डिफेंस के उपनियंत्रक श्री जगदीश रावत के नेतृत्व में सिविल डिफेंस टीम ने भी पूरी व्यवस्था में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली।

जिला कलक्टर ने बताया कि पूरे जयपुर शहर की मांग को पूरा करने का बडा लक्ष्य बिना समर्पित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संभव नहीं था। तहसीलदार श्री नरेन्द्र कुमार जैन, तहसीलदार श्री बलबीर सिंह, स्मार्ट सिटी के अधिशाषी अभियंता श्री अजय कुमार सिन्धु इस पूरी व्यवस्था के प्रबन्धन की अहम कड़ी हैं।
 
जिला कलक्टर ने बताया कि जिला प्रशासन, स्मार्ट सिटी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, इंजीनियर्स, शिक्षा विभाग के अध्यापक, बूथ लेवल अधिकारी, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक समेत 600 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी 23 मार्च से बिना एक भी दिन छुट्टी किए सुबह 7 बजे से रात के 11 बजे तक जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने के काम में लगे हैं ताकि शहर में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए। जब रामगंज एवं परकोटा क्षेत्र में कफ्र्यू लगा तो वहां संक्रमित क्षेत्रों में भी जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने का काम इन अधिकारी-कर्मचारियों ने पहले की तरह ही जारी रखा। आज भी परकोटा क्षेत्र में पहले की ही तरह फूड पैकेट्स वितरित किए जा रहे हैं। उन्होने बताया कि हर बार फूड वितरण के साथ कर्मचारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने का भी ध्यान रखा जाता है। 
 
कन्ट्रोल रूम, वार रूम, सर्वे और विभिन्न ग्रुप से भी लगातार सूचना
 
स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री लोकबन्धु ने बताया कि शहर में किसे और कहां फूड पैकेट्स की जरूरत है, यह सूचना लगातार 24 घंटे जिला कलक्टे्रट के कन्ट्रोल रूम पर, वार रूम में, बूथ लेवल ऑफिसर्स द्वारा क्षेत्रीय सर्वे में, अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल पर, दूसरे राज्यों से, स्वयं जरूरतमंदों से लगातार मिलती रही है। इन सूचनाओं पर सतत निगरानी बनी रहती है और हर सूचना को उसके निस्तारण तक फॉलो किया जाता है क्योंकि यह किसी जरूरतमंद को भोजन प्रदान करने जैसे पुनीत कार्य से जुड़ी होती है।  यहां तक कि संभव होने पर सूचना देने वाले को भी भोजन वितरण की जानकारी दी जाती है। सूचना मिलते ही भोजन वितरण के लिए निर्धारित 53 फूड सेंटर्स में से निकटतम से जरूरतमंद को भोजन पहुंचाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। 
 
भोजन की गुणवत्ता को किया सुनिश्चित
 
श्री लोकबन्धु ने बताया कि लाखों की संख्या में फूड पैकेट्स का निर्माण एवं वितरण होने के कारण भोजन की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाना भी जरूरी था। इसके लिए लगातार बड़ी भोजनशालाओं में निरीक्षण एवं सैम्पलिंग की गई। अधिकारियों की टीम ने कई बार कार्यक्षेत्र में वही भोजन स्वयं भी ग्रहण किया। यहां तक कि भोजन के निर्माण के लिए भी एगमार्क मानक की ही सामग्री उपयोग ली गई जैसे आटा, तेल, मसाले आदि। विभन्न स्तरों पर समय-समय पर यह परीक्षण भी जारी है।
 
प्रवासियों, यात्रियों, अस्पतालों के लिए भोजन व्यवस्था
 
स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री लोकबन्धु ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा शहर में जरूरतमंदों के लिए भोजन व्यवस्था के साथ ही साथ दूसरे राज्यों से रेल द्वारा यहां पहुंचे हजारों लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की गई जिन्हें बसों द्वारा तीस से अधिक जिलोंं में भेजा गया है। इसी तरह यूपी और अन्य राज्यों को जाने वाली सैकड़ों बसों के यात्रियों को भी रास्ते के लिए भोजन उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा कई अस्पतालों, फील्ड वर्कर्स, कुछ श्रमिक कैम्प व जरूरत के अनुसार अलग-अलग जगह से मांग आने पर भोजन की आपूर्ति की गई। 
 
बनाए रखा संस्थाओं का उत्साह
 
शुरू में जिला प्रशासन के अलावा भी कई स्वयंसेवी संस्थाएं मुख्यमंत्री की अपील से प्रेरित होकर और प्रदेश की परम्परा के अनुरूप अपने स्तर पर जरूरतमंदों को भोजन प्रदान करने में जुट गईं। लेकिन प्रयासों के दोहराव के कारण जिला प्रशासन के आग्रह पर इनमें से कई संस्थाएं प्रशासन के वितरण तंत्र में शामिल हो गईर्ं। इन संस्थाओं की राशन, वाहन पास, कार्मिक पास, ईंधन जैसी कई समस्याओं को जिला प्रशासन द्वारा दूर किया गया एवं इस महत्वपूर्ण कार्य में उनका उत्साह बनाए रखा गया। इसी समन्वित प्रयास के कारण लगभग 150 संस्था जिनमें एनजीओ, स्वयंसेवी संस्थाएं यथा राधास्वामी सत्संग न्यास, जैन रसोई, अक्षय पात्र, जैन तेरापंथी, कुहाड़ ट्रस्ट, हीरावाला इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन, सीतापुरा इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन  आदि संस्थाओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी बनाए रखी है।
 
एप से निगरानी, अचानक आई मांग को भी किया पूरा
 
जयपुर जैसे महानगर में कई बार पूर्व निर्धारित और कई बार अचानक फूड पैकेट्स की मांग और आपूर्ति एक बड़ा काम है। इसे व्यवस्थित करने के लिए तकनीक का भी उपयोग किया गया। भोजन बनने से वितरण तक के कार्य की एप के माध्यम से निगरानी की गई। श्री लोकबन्धु ने बताया कि कई बार फूड पैकेट्स की मांग अचानक और भोजन वितरण के सामान्य समय से अलग समय पर प्राप्त हुई तब एप के जरिए प्रबन्धन कर निकटतम स्थान से जरूरतमंदों को पैकेट्स भिजवाए गए।
 
विशेष लेख हर जरूरतमंद को भोजन के लिए संकल्पित जिला प्रशासन छह सौ से अधिक अधिकारी-कर्मचारी बिना अवकाश डेढ़ माह से  रोजाना 14 घंटे से अधिक फील्ड में रहकर कर रहे व्यवस्था

बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में कुल 100 संदिग्ध सैंपल में से 48 जैसलमेर व 29 बालोतरा के सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। शेष 23 बाड़मेर से सैंपल की रिपोर्ट जल्द आएगी।
यह जानकारी पी एम ओ डॉ बी एल मसूरिया ने दी। यह बाड़मेर जिले के लिए राहत भरी खबर है। 

बाड़मेर | जिले के सिणधरी क्षेत्र के ग्राम अणखिया निवासी रसूल खां Civil Hospital में दवाई लेने गया था जो जांच के बाद कोरोना संक्रमित पाया गया हैं। बता दें कि 28 मार्च को रसूल खां के किडनी का ऑपरेशन किया गया था। अभी गुजरात के अहमदाबाद शहर में कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया है। जानकारी मिलने के बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग की टीम CMHO सहित ग्राम अणखिया,नौखङा के लिए रवाना हो गई है।
आपको बता दें कि इससे पहले 4 मई को बायतु के भोजासर में कोरोना पाॅजिटिव पाया गया था। आज मिले कोरोना संक्रमित समेत जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 हो गई है। 

बाड़मेर,05 मई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोविड संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम के लिए प्रदेश में एडवांस प्लानिंग पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी के मद्देनजर आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी जिलों में आवश्यकता के अनुसार 500 या 1 हजार बैडेड की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर बनाए जाएंगे।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि इन दिनों लगभग 70 प्रतिशत पॉजीटिव केसेज में या तो हल्के लक्षण या लक्षण ही नहीं पाए जा रहे हैं। ऎसे केसेज की देखभाल के लिए प्रत्येक जिले में कोविड केयर सेंटर बनाए जाएंगे। इस बारे में विस्तृत गाइड लाइन भी जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि शुरुआत 30 हजार बैड्स की जाएगी और फिर जरूरत के अनुसार इसे 50 हजार बैड तक पहुंचाया जा सकता है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर का चयन और प्रबंधन का जिम्मा संबंधित जिला कलक्टर को दिया गया है। कलक्टर द्वारा समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें जिला कलक्टर, चिकित्सा विभाग, लेखा शाखा, नगर निगम या नगर पालिका या पंचायत समिति का प्रतिनिधि शामिल होगा। यह समिति सेंटर से जुड़े तमाम कायोर्ं का संपादन करेगी।
उन्होंने बताया कि सेंटर का चयन आबादी से दूर किया जाएगा और वहां सभी आवश्यक सुविधाएं मसलन भोजन, बिजली, पानी, पंखे-कूलर, वाटर कूलर आदि की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि मरीज को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। सेंटर पर व्यक्तियों के प्रवेश और निकास के लिए एक ही एंट्री गेट रखा जाएगा, ताकि संपूर्ण व्यवस्था पर निगरानी रखी जा सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
डॉ. शर्मा ने बताया कि सेंटर्स पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे ताकि हर जगह की निगरानी की जा सके। इसके अलावा माइकिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। इन सभी सेंटर्स पर चिकित्सक कक्ष, सैंपल कलेक्शन, दवा स्टोर, चिकित्सकों के चेंजिंग रूम (डॉनिंग एंड डोफिंग रूम) की भी व्यवस्था की जाएगी ताकि मरीज को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े। ये सभी सेंटर पर विषय विशेषज्ञों से जरूरत पड़ने पर टेली कंसलटेंसी के जरिए भी इलाज किया जा सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सभी सेंटर्स पर व्हील चेयर, ट्रोली और रोगियों को तनाव मुक्त करने के लिए टेलीविजन या म्यूजिक की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि सेंटर पर काम करने वाले लोगों को पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मरीजों का ठीक से उपचार कर सके। केयर सेंटर जिले के डेडिकेटेड कोविड हैल्थ केयर सेंटर व डेडिकेटेड अस्पताल से भी पूरी तरह लिंक रहेगा। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले अप्रवासी राजस्थानियों और श्रमिकों को भी यहां निश्चित समयावधि में आइसोलशन में रखा जा सकता है।

बाड़मेर,05 मई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के कुछ जिलों मेें ओलावृष्टि और आंधी-तूफान से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने और मानव हानि के लिए सहायता राशि तुरंत प्रदान करने के लिए जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने टोंक जिले में खराब मौसम के कारण हुई चार लोगों की मृत्यु पर उनके परिजनों को नियमानुसार 4 लाख रूपए तक की सहायता राशि देने के भी निर्देश दिए हैं। गहलोत ने कहा कि गत दिनों विभिन्न जिलों में खराब मौसम और आंधी-तूफान के साथ ओलावृष्टि हुई है, जिसमें कई स्थानों पर फसलों आदि को नुकसान हुआ है। इसके लिए सभी जिला कलक्टरों को जल्द से जल्द फसल खराबे की जानकारी जुटाने को कहा है, ताकि आवश्यकता होने पर विशेष गिरदावरी कराई जा सके। साथ ही, जिला कलक्टर आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से मानव हानि, पशुधन की हानि और भवनों आदि को हुए नुकसान की जानकारी भी राज्य सरकार को भेजें, ताकि प्रभावितों को एसडीआरएफ के नियमों के तहत मुआवजा राशि जारी की जा सके।

MDM अस्पताल में पहुंची मशीन,8 करोड़ की लागत से आई मशीन,अब प्रतिदिन हो सकेगी 3 हजार कोरोना जांच
क्या है कोबास-8800 मशीन और इसकी खासियतें
-कोबास 8800 एक लैब की सभी जरूरतों को पूरा करती है। नमूना तैयार करने और वास्तविक समय पीसीआर के लिए पूरी तरह से एकीकृत व स्वचालित प्रणाली कोबास 8800 को पूर्व विश्लेषणात्मक से पोस्ट एनालिटिक समाधान तक प्रयोगशाला वर्कफ्लो में आसानी से एकीकृत करने के लिए खासतौर से डिजाइन किया गया है।
-कोबास 8800 मशीन विश्वसनीय, प्रतिलिपि प्रस्तुत करने योग्य परिणाम उत्पन्न करती है जो दैनिक परीक्षण की आवश्यकताओं को तेजी से पूरा करती है। रक्त जांच तथा अन्य अनुप्रयोगों के लिए जिन्हें बहुत अधिक तेजी को आवश्यकता होती है तो कोबास 8800 सिस्टम 8 घंटे की शिफ्ट में 960 परीक्षण तक कर सकता है, जबकि 24 घंटे में 4032 परीक्षण मात्र दो या तीन तकनीशियनों की कार्यात्मकता से पूर्ण किए जा सकते है।
-कोबास 8800 सिस्टम रेडी टू लोड अभिकर्मकों को विगलन, मिश्रण की आवश्यकता नहीं होती है जबकि रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) और बारकोड्स परिणाम के लिए नमूने से पूर्ण ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चत करता है।
-कोबास 8800 मशीन स्वचालित भंडारण और प्रशीतन प्रणाली, उपभोग्य सामग्री और अभिकर्मकों की सूची को बनाए रखने में सक्षम बनाती है और द्वि-दिशात्मक प्रयोगशाला सूचना प्रणाली (एलआईएस) इंटरफेस आदेश और परिणाम से निपटने को बेहद सरल बनाती है।

जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के साथ बायतु के भोजासर जाकर कोरोना पॉजिटिव के कांटेक्ट ट्रेसिंग के सैंपलिंग कार्य एवं कर्फ्यू की पालना का जायजा लिया।

मरुवाणी न्यूज़ नेटवर्क @ बाड़मेर | किरण सेवा संस्थान अपना घर बाड़मेर ने भामाशाह सरपंच उगमसिंह रानीगांव के सहयोग से लॉकडाउन में मजदूर, विकलांग व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आटा, दाल, चावल, मसाले, तेल, सब्जियां, साबुन, मास्क आदि शनिवार को वितरण किये।
किरण सेवा संस्थान के सचिव राजाराम सोलंकी ने बताया कि लोगों की इस मुश्किल घड़ी में सहयोग की आवश्यकता है। इसलिए घर घर जाकर जरूरतमद लोगो तक राशन व मास्क पहुंचाया जा रहा है। इस दौरान ठाकुर चौधरी, पहलाद राम गोदारा, श्रवण उपस्थित रहे।

मरुवाणी न्यूज़ नेटवर्क @ सिणधरी | जिले के सिणधरी पुलिस को छात्रा ने मास्क बनाकर वितरित किए। थानाधिकारी जेठाराम जयपाल ने छात्रा की इस पहल पर प्रशंसा कर हौसला अफजाई की। सिणधरी कस्बे में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए छात्रा ने पहल करते हुए कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क बनाएं। ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा गीता कुमारी ने अपने भाई पत्रकार गोविंद बोस से प्रेरणा लेते हुए, उनके सहयोग से इस महामारी के बचाव में अपना योगदान देते हुए, लॉक डाउन के दौरान घर पर रहकर पढ़ाई के बीच में समय निकालकर कपड़े के मास्क तैयार किए। छात्रा का कहना हैं कि इन मास्क को कोरोना से बचाव में लगे कर्मवीरों को उनकी अपनी सुरक्षा के लिए बनाया हैं। कोरोना बचाव की टीम में जुटे सिणधरी थानाधिकारी जेठाराम जयपाल को मास्क भेंट किए। छात्रा का जज्बा देखते हुए पुलिस टीम ने उनका धन्यवाद देते हुए हौसला अफजाई की।

E-Maruwani

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