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गिड़ा | कल पति की पशुओं को पानी पिलाते समय पैर फिसलने से टांके में गिरने से हुई थी मृत्यु,  
शनिवार देर रात पत्नी ने भी पति के मृत्यु से दुःखी होकर टांके में गिरकर की आत्महत्या,   
पुलिस थाना गिड़ा क्षेत्र के दर्जियों का बेरा लापुंदडा की घटना, 
परिजनों ने पुलिस थाना गिड़ा को दी सूचना,  सूचना पर पुलिस पहुंची मौके पर, 
आत्महत्या को लेकर पुलिस जुटी जांच में !

गिड़ा|वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस से देश,राज्य और अपने गाँव की सुरक्षा करने के लिए कोरोना योद्धा के रूप में तन-मन-धन से घर-परिवार से दूर रहकर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे। वो अपनी खुद की जान जोखिम में डालकर अपनी और देश की सुरक्षा के लिए इस महामारी से निपटने में अपने कर्तव्य का निर्वहन बड़ी लगन से कर रहे है। हमें ऐसे कर्मवीरों का हौसला बढ़ाना चाहिए। ऐसे ही गिड़ा तहसील के सणतरा गाँव के दो सगे भाई सुमेर मुडिया व नेनेश मुडिया और खेराज मुडिया कोरोना योद्धा के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है।
• सुमेर मुडिया बालोतरा में लैब टेक्नीशियन के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे है। 
• नेनेश मुडिया जोधपुर में नर्सिंग ऑफिसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है। 
• खेराज मुडिया पादरू में लैब टेक्नीशियन के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे है।

गिड़ा | पंचायत समिति गिड़ा के परेऊ गांव में गौ सेवा के लिए दुकानदारों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर दुकानदारों को जोड़ा गया। दुकानदार चारे के लिए रुपए इकट्ठे कर बेसहारा गोवंश के लिए चारा उपलब्ध करवा रहा है। पिछले कई महीनों से यह ग्रुप हर पूर्णिमा, अमावस्या पर बेसहारा गोवंश के लिए चारा उपलब्ध करवा रहा है।
विश्वव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी इन्होंने 1 दिन भी हिम्मत नहीं हारी। बालोतरा से हरा चारा  लाकर गोवंश को खिला रहे हैं।आज शुक्रवार को हरे चारे की गाड़ी मंगवा कर महंत श्री ओंकार भारती जी के कर कमलों द्वारा बेसहारा गोवंश को हरा चारा खिलाया। इन दुकानदारों की सेवा यहां तक ही सीमित नहीं है बल्कि बेसहारा गोवंश के घायल होने या बीमार होने पर तुरंत इलाज उपलब्ध करवाते हैं। भक्त वागाराम बोस ने बताया कि गर्मी बरसात और सर्दी में भी निरंतर बेसहारा गोवंश के लिए चारा उपलब्ध करवाया जाता है। हर पूर्णिमा अमावस्या पर 2500 क्विंटल चारा परेऊ  पहुंचता है। ऐसे में सभी गौ भक्त गलियों में बेसहारा गोवंश को चारा खिलाते हैं। विशेष अवसरों पर गायों को खिलाने के लिए गुड रोटी व लड्डू भी बनाए जाते हैं। भूतपूर्व सरपंच पर्वत सिंह ने बताया कि कई वर्षों से टीम में राजेंद्र सिंह महेशा, पारसमल सोनी; नेमीचंद लखारा; ओम लखारा, रूपचंद सोनी, कुंभाराम सोनी, रावल सोनी सहित दर्जनों युवा इस मुहिम में हाथ बटाते हैं।

E-Maruwani

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