Har din kuch naya sikhe
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राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर इस वर्ष प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं नहीं कराने का निर्णय लिया है। निवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कोरोना महामारी के परिदृश्य को देखते हुए इस वर्ष उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी तथा सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। प्रमोट होने वाले विद्यार्थियों के अंकों के निर्धारण के सम्बन्ध में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आगामी कुछ दिनों में जारी होने वाले दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर समुचित निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य,  उच्च शिक्षा सचिव श्रीमती शुचि शर्मा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर 02 जून। भरतपुर जिले की थाना गढी बाजना पुलिस ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर क्षेत्र के फतेहसागर बांध में पेड़ की जड़ से बांध देने के मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने हत्यारी पत्नी श्रीमती संजय देवी पत्नी गौतम ठाकुुर (30) निवासी नादनपुर जिला धौलपुर को भी गिरफ्तार कर लिया।
       पुलिस अधीक्षक भरतपुर हैदर अली जैदी ने बताया कि 10 मई,20 को फतेहसागर बांध में लगभग 15 दिन पुरानी सडी-गली लाश तालाब में मिली थी जो अज्ञात थी और हत्या कर पेड की जडों में बांधी हुयी थी। अज्ञात व्यक्ति की हत्या की वारदात को गंम्भीरता एवं प्रमुखता से लेते हुये अज्ञात आरोपियों को नामजद कर गिरफ्तार करने हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एडीएफ) भरतपुर श्री सुरेश खींची के नेतृत्व में, वृताधिकारी बयाना खींव सिंह राठौड तथा थानाधिकारी गढीबाजना महावीर प्रसाद की एक विशेष टीम का गठन किया गया था।
       श्री जैदी ने बताया कि गठित टीम ने घटना का पर्दाफाश करते हुये मृतक की पहचान गौतम पुत्र दीवान सिंह ठाकुर निवासी नादनपुर जिला धौलपुर के रूप कर हत्या के आरोप में मृतक की पत्नी के प्रेमी हरिशंकर पुत्र दुलारे निवासी हार की सिंघरावली थाना बसई जगनेर जिला आगरा यू0पी0 को सोमवार को गिरफ्तार किया जा चुका है।

जयपुर | प्रदेश में सरकार ने एक आईएएस अफसर और 14 आरएएस अफसरों के तबादला आदेश जारी किए। आईएएस देवेंद्र कुमार का तबादला किशनगढ़ अजमेर से उपखंड अधिकारी सुमेरपुर के पद पर किया गया है। इसके अलावा 22 मई का बलदेव राम भोजक का झालावाड़ अकलेरा ट्रांसफर निरस्त कर दिया है। 14 आरएएस- नसीम खान उप निदेशक, अल्प संख्यक मामलात विभाग जयपुर द्वितीय, संतोष कुमार मीणा उपखंड अधिकारी अकलेरा झालावाड़, गोमती शर्मा उपखंड अधिकारी रानी पाली, सुनील आर्य उपखंड अधिकारी बयाना भरतपुर, भारत भूषण गोयल उपखंड अधिकारी देवली टोंक, राजेंद्रसिंह (द्वितीय) उपखंड अधिकारी किशनगढ़ अजमेर, शैलेंद्रसिंह उपखंड अधिकारी जसवंतपुरा जालौर, कंचन राठौड़ उपखंड अधिकारी बालेसर जोधपुर, प्रकाश चंद्र रैगर उपखंड अधिकारी खेरवाड़ा उदयपुर, सुमित्रा पारीक उपखंड अधिकारी बावड़ी जोधपुर, महावीरसिंह जोधा उपखंड अधिकारी गडरा रोड बाड़मेर, पुष्पा कंवर सिसोदिया उपखंड अधिकारी मारवाड़ जंक्शन पाली, निशा सहारण सहायक कलेक्टर चौमूं जयपुर और अनीता कुमारी खटीक सहायक निदेशक लोक सेवाएं प्रशासनिक सुधार विभाग के पद पर ट्रांसफर किए गए हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद दी है। गहलोत ने अपने संदेश में कहा कि ईद का यह त्यौहार रोज़ेदारों के लिए खुशियों का पैगाम लेकर आता है। ईद हमें आपसी भेदभाव मिटाकर मज़लूमों, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों की मदद करने तथा इंसानियत एवं भाईचारा कायम रखने की सीख देती है।मुख्यमंत्री ने कहा कि ईद-उल-फितर के इस मुबारक मौके पर प्रदेश एवं देश में अमन-चैन एवं खुशहाली के लिए दुआ करें।
 Who is Ashok Gehlot? Here is All You Need to Know About Ashok ...
गहलोत नेे मुस्लिम भाईयों से अपील की है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन का पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग रखें और अपने घर पर ही ईद की नमाज़ अदा करें। नमाज़ के बाद खुदा की बारगाह में कोविड-19 महामारी के खात्मे और संक्रमित लोगों की शिफा के लिए दुआ करें।

जयपुर | विधायकों मंत्रियों की भूमिका की रिपोर्ट तैयार करवाई ।
मुख्यमंत्री ने गरीबों, जरूरतंंदों को किस तरह पहुंचाया जाए राशन,
 प्रभार जिलों में मंत्री की सक्रियता की  ली जानकारी,
कौन विधायक रहा सक्रिय, कौन रहा घर के अंदर,
कुछ नेता जयपुर बैठकर ही बने थे बयान वीर,
कई विधायकों की परफॉर्मेंस से खुश हैं गहलोत,
 तो कईयों पर गिर सकती है गाज,
 कोरोना संकट की परफॉर्मेंस आगे आ सकती है काम

1. यूजर पंजीकरण
2. बैंक खाते का इन्द्राज
3. वेंडर एवं लेबर का पंजीकरण
4. कार्यों का इन्द्राज
5. मस्टर रोल
6. बैंक खाते का ऑनलाइन भुगतान के लिए पंजीकरण (RPP पंजीकरण)


                       यूजर का पंजीकरण :-
▪︎ग्राम पंचायत के ग्राम विकाश विकास अधिकारी एवं सरपंच की sSO ID बनाना
▪︎SSO ID से ई-पंचायत एप्लीकेशन में पंजीकरण कराना/काम करने की अप्रूवल लेना (ग्राम पंचायत स्तर के यूजर का पंजीकरण/अप्रूवल पंचायत समिति स्तर से किया जायेगा , पंचायत समिति स्तर के यूजर का पंजीकरण/अप्रूवल जिला परिषद् स्तर से एवं जिला परिषद् यूजर का
पंजीकरण/अप्रूवल राज्य स्तर से किया जायेगा)


बैंक खाते का विवरण इन्द्राज :-

▪︎ग्राम पंचायत के बैंक खातो की डिटेल ई-पंचायत एप्लीकेशन में दर्ज करना हैं।
▪︎बैंक खातो में उपलब्ध राशी का इन्द्राज करना एवं उस उपलब्ध राशी का स्कीम वाइज विवरण दर्ज करना |


वेंडर एवं लेबर का पंजीकरण :-

▪︎ग्राम पंचायत के समस्त वेंडर चाहे वो फर्म हो , व्यक्तिगत वेंडर हो या फिर लेबर हो जिनको भी ग्राम पंचायत किसी भी काम के लिए भुगतान करती हैं उसका इन्द्राज ई-पंचायत एप्लीकेशन में करना।


कार्यों का इन्द्राज :-

▪︎⇒ग्राम पंचायत के जो भी कार्य हो रहे हैं चाहे वो किसी भी स्टेज पर हैं उसका इन्द्राज ई-पंचायत एप्लीकेशन में किया जा सकता हैं।
▪︎⇒ग्राम पंचायत अपने नए कार्य का इन्द्राज एप्लीकेशन में कर सकता हैं और उस कार्य की स्वीकृति (प्रशाशनिक ,तकीनीकी एवं वितीय) ई-पंचायत एप्लीकेशन से ऑनलाइन जारी कर सकती हैं ।
▪︎अगर ग्राम पंचायत के किसी कार्य की स्वीकृति पहले से ही जारी हो चुकी हैं उसका भी इन्द्राज करने का आप्शन ई-पंचायत एप्लीकेशन में किया जा सकता हैं और वह कार्य आगे वाली स्टेज के लिए उपलब्ध हो जाएगा। जैसे की-

        •👉अगर किसी कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति पहले जारी की जा चुकी हैं तो उस कार्य का इन्द्राज प्रशाशनिक स्वीकृति के विवरण के साथ कर सकते हैं और वह कार्य आगे वाली स्टेज यानी तकनिकी स्वीकृति के लिए सक्षम अधिकारी के पास स्वत: ही उपलब्ध हो जायेगा और उस कार्य की तकनिकी स्वीकृति ऑनलाइन जारी की जा सकती हैं।
       •👉अगर किसी कार्य की तकनिकी स्वीकृति पहले ही जारी की जा चुकी है तो भी उस कार्य का इन्द्राज तकनिकी स्वीकृति के विवरण के साथ एप्लीकेशन दर्ज की जा सकती हैं और वह कार्य आगे वाली स्टेज यानी वित्तीय स्वीकृति के लिए सक्षम अधिकारी के पास स्वत:ही उपलब्ध जाएगी और उस कार्य वितीय स्वीकृति एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन जारी की सकती हैं।
     •👉और यदि किसी कार्य की वित्तीय स्वीकृति पहले से ही जारी हो चुकी हैं तो उस कार्य का इन्द्राज वितीय स्वीकृति के विवरण के साथ इन्द्राज कर सकते हैं और वह कार्य ऑनलाइन भुगतान के लिए स्वत: ही उपलब्ध हो जायेगा और उस कार्य ऑनलाइन भुगतान सम्बंधित वेंडर/फर्म को किया जा सकता हैं।
      •👉अगर किसी का कार्य का कुछ भुगतान या पूर्ण भुगतान हो चूका तो भी उस कार्य का इन्द्राज एप्लीकेशन में कर सकते हैं और वह कार्य स्वतः ही उपयोगिता प्रमाण पत्र और पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उपलब्ध हो जायेंगे और एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन जारी कर सकते हैं।


मस्टर रोल :

▪︎किसी भी कार्य के लिए मस्टर रोल ऑनलाइन बनायीं जा सकती हैं मस्टर रोल ऑनलाइन बनाने के लिए ग्राम पंचायत को अपने अपने लेबर का विवरण एप्लीकेशन में दर्ज करना होगा
▪︎बनाये गए मस्टर रोल का एक साथ सभी लेबर जो की उस मस्टर रोल में उपलब्ध हैं उनका ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता हैं और यह भुगतान सीधा लेबर के खाते में होगा |



बैंक खाते का ऑनलाइन भुगतान के लिए पंजीकरण (RPP पंजीकरण):-

  • ग्राम पंचायत को जिस भी खाते से ऑनलाइन भुगतान करना हैं उसे उस खातेे को ऑनलाइन भुगतान के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा |
  • ऑनलाइन खाते का पंजीकरण करने के लिए एक फॉर्म भरकर RPP(Rajasthan payment platform) पर पंजीकरण कराना होगा जो ई-पंचायत एप्लीकेशन के माध्यम से ही होगा और सम्बंधित फॉर्म भी ई-पंचायत एप्लीकेशन पर पहले से ही उपलब्ध हैं बस उसका प्रिंट निकाल कर बैंक से approve कराकर अपलोड करना हैं।
  • RPP पर पंजीकरण कराने के बाद वह बैंक खाता स्वत: ही ऑनलाइन भुगतान के लिए चालु हो जायेगा और उससे ऑनलाइन पेमेंट किये जा सकते हैं।



नोट : निम्न प्रकार के भुगतान ऑनलाइन किये जा सकते हैं-

A. किसी भी कार्य का भुगतान किसी भी वेंडर अथवा फर्म को ऑनलाइन उसके खाते में किया जा सकता हैं और उस भुगतान का स्टेटस भी स्वत: ही ऑनलाइन उपलब्ध हो जायेगा |

B. किसी भी प्रकार के अन्य खर्चो का भी ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता हैं।

C. मस्टर रोल का भी भुगतान लेबर के खातो में सीधा किया जा सकता हैं।

D. बिजली के बिलों का भी भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता हैं |

कई तरह की दुकानें खोलने के आदेश जारी, प्रदेशभर में खुल सकेंगे रेस्टोरेंट और भोजनालय, लेकिन सिर्फ टेक-अवे और होम डिलीवरी हो सकेगी, मिठाई की दुकानें भी अब खुल सकेंगी, सिर्फ टेक-अवे और होम डिलीवरी हो सकेगी, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों बने सभी ढाबे खुल सकेंगे, हार्डवेयर की सभी दुकानें खुल सकेंगी, निर्माण सामग्री की दुकानें खोलने के आदेश भी जारी, वाहनों के शो रुम खोलने के आदेश भी जारी। एसी, कूलर, टीवी इलेक्ट्रॉनिक की दुकानें भी खुल सकेंगी, गृह विभाग ने जारी किए आदेश !

जयपुर | मानसरोवर में निजी चिकित्सक को दिखाने पहुंचे थे मेघवाल, अचानक ब्रेन हेमरेज की शिकायत के चलते हुआ पेरालिसिस, आनन फानन में साकेत अस्पताल लाए गए मंत्री भंवरलाल, चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद किया SMS अस्पताल रैफर ।

जयपुर | शिक्षामंत्री  गोविन्द सिंह डोटासरा गुरुवार को दोपहर 2 बजे से वीसी के जरिए शिक्षा अधिकारियों से संवाद करेंगे, शिक्षा मंत्री इस दौरान शिक्षा निदेशक, सीडीईओ व सीबीईओ सहित अन्य अधिकारियों की वीसी में शिक्षकों की रोटेशन से ड्यूटी लगाने,  प्रवासियों के आगमन के बाद क्वारेंटन सेंटरों की व्यवस्था, स्कूलों के नए सत्र सहित अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा करेंगे।

जयपुर, 13 मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में जो कामयाबी हमें अभी तक मिली है उसे बरकरार रखने के लिए क्वारंटाइन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा। अभी तक शहरों में कोरोना के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब यह संक्रमण गांवों में नहीं फैले, इसके लिए क्वारंटाइन व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले प्रवासियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो और साथ ही क्वारंटाइन में रखे गये लोगों की मॉनिटरिंग के पुख्ता इंतजाम हों। श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कलक्टर, जिला एवं उपखंड स्तरीय अधिकारियों से क्वारंटाइन व्यवस्थाओं पर चर्चा कर रहे थे । मुख्यमंत्री ने अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलकर क्वारंटाइन व्यवस्था को ग्राम स्तर तक सुचारू बनाना होगा। इस काम में सांसदों, विधायकों के साथ- साथ सभी शहरी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि ट्रेन से आने वाले लोगों की रेलवे स्टेशन पर ही स्क्रीनिंग करवाकर बसों से उन्हें गन्तव्य स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्था करें। संभव हो तो रेलवे स्टेशन पर उन्हें चाय-नाश्ता उपलब्ध कराएं और बसों में खाने के पैकेट व पानी रखवाया जाए, ताकि उन्हें आगे के सफर मे आसानी हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि जालोर, सिरोही एवं पाली जैसे जिलों को क्वारंटाइन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा । क्योंकि वहां बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या हजारों में है। डूंगरपुर एवं भरतपुर जैसे सीमावर्ती जिलों को भी प्रवासियों के लिए समुचित इंतजाम रखने होंगे।


जिला स्तर पर और सुदृढ़ करें जांच सुविधाएं


श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि टेस्टिंग की जरूरतों को देखते हुए जिला स्तर पर जांच सुविधाओं को और अधिक सुदृढ किया जाये । जालौर पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर सहित वे सभी जिले जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं, जल्द से जल्द जांच सुविधाएं विकसित की जाएं।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें
श्री गहलोत ने कहा कि बाहर से आने वाले प्रवासियों के क्वारंटाइन के लिए स्थानीय विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें, उनसे संपर्क स्थापित करें ताकि बेहतर तालमेल के साथ ग्राम स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें | क्वारंटाइन के लिए जगह चिन्हित
करने और ग्राम स्तर पर बनाये गये संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर्स पर भोजन- पानी की व्यवस्था में भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए । गांव वालों को भी विश्वास में लेकर होम क्वारंटाइन रखे गए एवं बाहर से आने वाले प्रवासियों की मॉनिटरिंग में उनका सहयोग लिया जाए। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट और नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े युवाओं का भी सहयोग लिया
जा सकता है।


राजस्थान ने प्रो-एक्टिव होकर काम किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के समय जिस गंभीरता से काम किया जाता है वैसा हमारे प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं भामाशाहों सभी ने मिलकर किया है। कोरोना का सामना करने में राजस्थान ने प्रो-एक्टिव होकर काम किया है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यहां अपनाये गये उपायों की देश-विदेश में जमकर प्रशंसा हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा मजबूत करते हुए हमें आगे भी इसी जज्बे के साथ लड़ाई जारी रखनी होगी। हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा ।

उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो बाहर से आने वालों को होम क्वारंटाइन रखा जाए, जरूरी हो तभी उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन किया जाए। क्वारंटाइन में रखे गए लोगों में किसी तरह के लक्षण दिखाई दें तो उनकी जांच कर उन्हें कोविड सेंटर में भेजा जाए ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिक सड़क पर पैदल दिखाई दें तो उन्हें बसों के माध्यम से आगे भेजने की व्यवस्था की जाए अथवा उन्हें केंप में पहुंचाकर उनके लिए भोजन कीव्यवस्था की जाए। राज्य सरकार ने उनके लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की है ।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अभी 12 हजार से ज्यादा टैस्टिंग की सुविधा प्रतिदिन उपलब्ध है। राजस्थान में कोरोना रोगियों का रिकवरी रेट भी काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला अस्पतालों में अन्य बीमारियों का समुचित इलाज हो यह सुनिश्चित किया जाए ।

प्रवासियों का पंजीकरण और स्क्रीनिंग हो
मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी संशोधित गाइडलाइन के तहत प्रदेश में कहीं भी आने-जाने के लिए पास की जरूरत नहीं है सिर्फ कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में आना-जाना अनुमत नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्तर्राज्यीय आवागमन आसान होने के बाद बाहर से आने वालों की संख्या काफी बढ गयी है। ऐसे में अधिकारी प्रवासियों के क्वारंटाइन की व्यवस्था पर फोकस करें। सीमावर्ती जिलों में आवश्यक रूप से प्रवासियों के पंजीकरण और स्क्रीनिंग के साथ उनके लिए बसों की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिखाई दें उन्हें कोविड केयर सेंटर में भेजने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन किए गए लोगों के साथ अछूत की तरह व्यवहार न हो लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जाए।अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह ने भी कलक्टर्स एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल ने प्रवासियों के लिए की जा रही बसों एवं ट्रेनों की व्यवस्था जबकि जेडीए आयुक्त श्री टी. रवीकांत ने जयपुर शहर में की गई क्वारंटाइन सेंटर्स की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी।

वीसी के दौरान जालोर, सिरोही, पाली, नागौर, भरतपुर, जोधपुर, उदयपुर , भीलवाड़ा एवं डूंगरपुर के कलक्टर ने बाहर से अभी तक जिले में आये प्रवासियों की संख्या और उनके लिए की गई क्वारंटाइन सहित अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी |

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह यादव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी श्रीमती वीनू गुप्ता, सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर | कोरोना संकट के बीच चल रहे लॉकडाउन से हो रही परेशानी के बीच अब एक राहत भरी खबर है। राजस्थान में एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए सरकार ने अब पास की अनिवार्यता खत्म कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार देर रात बड़ा ऐलान किया है। इसके तहत अब एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए पास की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
हालांकि ये छूट सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही मिलेगी. इस दौरान जिले की सीमा में भी बिना पास के कहीं भी आया और जाया जा सकेगा। वहीं, कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में ये छूट नहीं मिलेगी। अंतर जिला पास को लेकर जारी किए गए ये दिशा-निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं।

जयपुर, 07 मई | प्रदेश में कोरोना संक्रमण के संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार कोे मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष के माध्यम से गुरूवार 7 मई तक 253 करोड़ 97 लाख रूपये से अधिक की सहायता राशि प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस सहयोग के लिए सभी दानदाताओं, भामाशाहों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया है।
 
जयपुर निवासी श्री त्रिलोक चन्द मखीजा की ओर सेकोविड-19 राहत कोष में 5 लाख 11 हजार रूपये, श्रीमती अनिता कपूर की ओर से 5 लाख रूपये, श्री अरूण कपूर और श्रीमती रीता कपूर की ओर से 1 लाख रूपये, भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति की ओर से प्रदेशाध्यक्ष श्री रामसहाय बाजिया ने 1 लाख 51 हजार रूपये की राशि जमा कराई है।
 
इसी प्रकार पेंशनर्स समाज खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से प्रतिनिधि श्री राजेन्द्र जैन बिलाला एवं श्री कल्याण प्रसाद शर्मा ने 1 लाख 1 हजार 611 रूपये का चैक तथा जगतगुरू धन्ना देवाचार्य ट्रस्ट की ओर से श्री बजरंग दास सैनी ने 1 लाख 101 रूपये का चैक कोविड-19 राहत कोष में भेंट किया है। 

जयपुर, 7 मई | चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में बेहतरीन चिकित्सकीय प्रबंधन, सुविधाओं और चिकित्सकों की मेहनत से राजस्थान कोरोना संक्रमितों की रिकवरी में देश भर में पहले पायदान पर जगह बना पाया है।
 
डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में व्यापक स्तर पर हुई एक्टिव और पैसिव सर्विलांस, संक्रमितों को बेहतरीन क्वारेंटाइन और आइसोलेशन सुविधाएं उपलब्ध कराने, ज्यादा सैंपलिंग व टेस्टिंग करवाने और चिकित्सकों द्वारा बेहतर देखभाल के चलते करीब 52 फीसद मरीज पॉजीटिव से नेगेटिव हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की सतर्कता के साथ स्वयं मरीजों ने भी सकारात्मक रूख रखते हुए इलाज करवाया और चिकित्सकों का भरपूर सहयोग किया।
 
उन्होंने बताया कि गुरुवार 2 बजे तक राज्य में कुल 3400 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 1740 कोरोना संक्रमित मरीज, उपचार दिए जाने के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और इन रिकवर हुए लोगों में से 1284 को डिस्चार्ज करने के बाद उनके घर भी भेजा जा चुका है।
 
प्लाज्मा थैरेपी से कम होगी प्रदेश में कोरोना की मृत्युदर
डॉ. शर्मा ने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी से दो गंभीर बीमारियों से ग्रसित कोरोना पॉजीटिव मरीजों का इलाज सवाई मानसिंह अस्पताल में ट्रायल बेस पर किया जा चुका है। आईसीएमआर ने प्रदेश के 20 मरीजों के इलाज की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी आने के बाद हम कोरोना से होेने वाली मृत्युदर को और भी कम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्र के मुकाबले मृत्युदर महज 2.79 फीसद ही है। इस थैरेपी के आने के बाद कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज आसानी से किया जा सकेगा।
 
जयपुरिया अस्पताल में नहीं होगा कोरोना संक्रमितों का इलाज
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जयपुर स्थित जयपुरिया अस्पताल में अब तक जिन कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा था, उन्हें आरयूएसएच अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। यहां अब कोरोना संक्रमितों का इलाज नहीं होगा। उन्होंने बताया कि सोमवार तक अस्पताल को डिस्इंफेक्टेड करवाकर इसे सामान्य बीमारियों के लिए खोला जा सकेगा, ताकि अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों को कोई परेशानी ना हो।
 
राज्य की सीमाओं को सील करना बेहतर निर्णय
डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की सीमाओं को सील करना बेहतरीन निर्णय है। जबकि प्रदेश में संक्रमितों की रिकवरी रेट बढ़ रही है। प्रदेश के कई जिले संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। ऎसे में बाहर से बिना अनुमति के आने वाले लोग प्रदेशवासियों की अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी श्रमिक या अप्रवासी राज्य में आ रहे हैं उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है और आने वाले लोगों को 14 दिनों के होम या सरकारी क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है। ऎसे में बिना जांच के व्यक्ति प्रदेश के लिए संकट की वजह बन सकते हैं।

जयपुर, 7 मई | राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने आंध्रप्रेदश के विशाखापट्टनम में हुए गैस लीक हादसे पर दुःख जताया है। उन्होंने इस हादसे में हताहत हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
 
राज्यपाल श्री मिश्र ने आंध्रप्रदेश के राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन से दूरभाष पर वार्ता की । राज्यपाल श्री मिश्र को श्री हरिचंदन ने घटना के बारे में विस्तार से बताया।

जयपुर, 7 मई | मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने गर्मी के मौसम में प्रदेश में पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से करने और हैण्डपंप एवं नलकूपों की मरम्मत के कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। श्री गहलोत ने 48 घंटे से अधिक समय के अंतराल से पेयजल आपूर्ति वाले क्षेत्रों में यह अंतराल कम करने के लिए कार्य योजना बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि लोगों को पीने का पानी कम से कम 48 घंटे में एक बार मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।
 
श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांस्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत बढ़ जायेगी ऎसे में निर्बाध पेयजल आपूर्ति राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि इन गर्मियों में कोई प्यासा नहीं रहे।
 
टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की तैयारी रखी जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्ता पूर्ण पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और जरूरत पड़ने पर टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की तैयारी रखी जाए। हैडपंप एवं ट्यूबवैल की जहां जरूरत हो वहां स्वीकृति जारी की जाए और मरम्मत के कार्य समय पर पूरे कर लिए जाएं। जल संरक्षण के साथ जल संचय पर भी जोर दिया जाए।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान काफी संख्या में श्रमिक बेरोजगार हुए हैं। ऎसे में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन एवं ऊर्जा विभाग के तहत चल रही परियोजनाओं में इन्हें नरेगा के तहत काम दिये जाने की संभावनाएं तलाशी जाएं।
 
विभाग के स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठक हो
श्री गहलोत ने कहा कि पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाये रखने के लिए जिला कलक्टर एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव के स्तर पर साप्ताहिक एवं राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मासिक समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने पेयजल से संबंधित शिकायतों का समय पर निस्तारण करने को कहा। उन्होंने हाल ही में आये आंधी-तूफान से जिन बिजली आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुंचा है उनकी मरम्मत कर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। साथ ही आवश्यतानुसार जगह चिन्हित कर आरओ प्लांटस लगाने के भी निर्देश दिए।
 
50-50 लाख की आकस्मिक स्वीकृति के लिए कलक्टर्स अधिकृत
वीडियो कांस्फ्रेसिंग के दौरान जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार ने फरवरी माह में ही 65 करोड़ रूपये का कंटीन्जेंसी प्लान मंजूर कर सभी जिला कलक्टर्स को 50-50 लाख रूपये की आकस्मिक स्वीकृति के लिए अधिकृत कर दिया है। चार अभावग्रस्त जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर एवं हनुमानगढ़ में एसडीआरएफ के तहत पेयजल परिवहन के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत योजनाओं को भी समय पर पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 
 
प्रमुख सचिव, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी श्री राजेश यादव ने गर्मियों में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए तैयार कार्ययोजना तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल वितरण की स्थिति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि नये नलकूप लगाने, क्षतिग्रस्त पाइपलाइन एवं खराब पंपसेट बदलने के कार्य जिला कलक्टर की अनुशंषा पर किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 27 शहरों में प्रतिदिन 1962 टैंकर ट्रिप जबकि 757 गांवों एवं ढ़ाणियों में 640 टैंकर ट्रिप प्रतिदिन पेयजल परिवहन किया जा रहा है, जिसे आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जा सकेगा। अप्रेल माह में 16,610 हैडपंपों की मरम्मत करवाई गई है। फ्लोराइड प्रभावित गांव एवं ढ़ाणियों में कुल 2229 सौर ऊर्जा आधारित डी-फलोरीडेशन सयंत्र स्थापित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर शहर में पृथ्वीराज नगर योजना के लिए मार्च माह में 295.50 करोड़ रूपये की स्वीकृति जारी कर दी गई है। इस योजना से 2 लाख से ज्यादा की आबादी लाभान्वित होगी।
 
पंजाब ने करवाया सरहिंद फीडर का जीर्णोद्धार
प्रमुख शासन सचिव, जल संसाधन श्री नवीन महाजन ने बताया कि पंजाब के साथ हुई बैठक के दौरान जिन प्रमुख बिदुंओं पर चर्चा हुई थी उनमें से कुछ पर पंजाब सरकार का सकारात्मक रूख रहा है। पंजाब ने 70 साल में पहली बार सरहिंद फीडर के 20 किलोमीटर के क्षेत्र की नहरों का जीर्णोद्धार कार्य पूरा किया है। इस फीडर पर राजस्थान क्षेत्र में भी जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया था लेकिन लॉकडाउन की वजह से काम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि पंजाब से आने वाले प्रदूषित पानी को रोकने के लिए वहां की सरकार ने कार्य योजना बनाकर उस पर काम शुरू कर दिया है, इससे श्रीगंगानगर में नहरों में गंदा पानी आने की समस्या का समाधान भी हो सकेगा। 
 
वीडियो कांस्फ्रेसिंग में मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा श्री अजिताभ शर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।  

जयपुर | मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने गुरूवार को राज्य में अनाधिकृत व्यक्तियों के आवागमन को रोकने के संबंध में जिला कलक्टरों एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अनाधिकृत व्यक्तियों के आवागमन को रोकने के लिए अन्तर्राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है। अब बिना ई-पास के कोई व्यक्ति अन्तर्राज्यीय आवागमन नहीं कर सकेगा। सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी तथा मृत्यु के मामलों में जिला कलक्टर ई-पास जारी कर सकेंगे।

 
श्री गुप्ता ने बताया कि राज्य से बाहर की यात्रा के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप पात्रता पूरी करने वाले व्यक्ति को जिला कलक्टर की अनुशंसा पर गृह विभाग के स्तर पर अनुमति जारी की जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार की ई-एनओसी के उपरान्त ही दूसरे राज्य से राजस्थान आने वालों के लिए परमिट जारी किया जा सकेगा।
 
मुख्य सचिव नेे कहा कि चूंकि लॉकडाउन लागू होने के कारण प्रदेश में फंसे ऎसे श्रमिक जो शिविरों में रह रहे थे, उन्हें उनके गृह राज्यों में भेजा जा चुका है। इसलिए प्रदेश में ट्रांजिट शिविरों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। केन्द्र की गाइडलाइन के अनुरूप जो श्रमिक अन्य राज्यों से आए हैं, उन्हें आवश्यक रूप से 14 दिन क्वारेंटाइन में रहना होगा। जिला कलक्टर सुनिश्चित करें कि इन निर्देशों की हर हाल में पालना हो। बॉर्डर पर प्रवासी श्रमिकों के आगमन के साथ ही उनके मेडिकल चैकअप तथा उसकी सूचना संबंधित जिले को देें ताकि सभी प्रवासी श्रमिकों का क्वारेंटाइन सुनिश्चित किया जा सके।
 
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासोें के कारण देश में कोरोना पॉजीटिव रोगियों की सर्वाधिक रिकवरी दर राजस्थान में है। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमाओं को सील करने के निर्णय से कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को संस्थागत या होम क्वारेंटाइन करना सुनिश्चित करें, अन्यथा 47 दिन की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि दूसरे राज्य से पास के जरिए आने वाले हर व्यक्ति की राज्य के एंट्री प्वाइंट पर ही सूचना दर्ज हो और जिस जिले में वह जाना चाहता है वहां के जिला प्रशासन को इसकी जानकारी पहुंचाई जाए। इस व्यवस्था को पुख्ता करके ही हम शत-प्रतिशत क्वारेंटाइन सुनिश्चित कर सकते हैं।
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल ने कहा कि विदेशों से राज्य में आने वाले करीब 8 हजार 500 व्यक्तियों को एयरपोर्ट पर उतरने के साथ ही भुगतान आधारित संस्थागत क्वारेंटाइन में भेजा जाएगा। राज्य में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर तथा जैसलमेर एयरपोर्ट को इसके लिए चिन्हित किया गया है। संबंधित जिला कलक्टर इनके क्वारेंटाइन के लिए उचित प्रबंध करें।
पुलिस महानिदेशक डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि सीमावर्ती सभी एन्ट्री प्वाइंट्स पर अनाधिकृत व्यक्तियों की आवाजाही रोकने के लिए पुलिस बल चौकस है। यह पुख्ता किया जा रहा है कि बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति राज्य की सीमा में दाखिल न हो।
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य ने बताया कि कोरोना से मुकाबले के लिए वित्तीय संसाधनों की कोई कमी नहीं रखी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा कि ज्यादातर हॉट स्पॉट शहरी इलाकों में हैं। ऎसे प्रयास हों कि कोरोना का संक्रमण गांवों में नहीं फैले। प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार ने क्वारेंटाइन व्यवस्था की ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिए विकसित सिस्टम का प्रस्तुतीकरण दिया।

जयपुर | मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सभी जिला प्रभारी मंत्रियों को 9 मई को प्रातः 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने-अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

 
श्री गहलोत ने कहा है कि प्रभारी मंत्री जिला कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षकों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति, पेयजल के कंटीजेंसी कार्यों तथा मनरेगा में अधिक से अधिक श्रमिकों का नियोजन करने सहित अन्य विषयों पर विस्तृत समीक्षा करें। 

जयपुर | सहकारिता मंत्री, श्री उदयलाल आंजना ने गुरूवार को बताया कि राज्य के अधिकाधिक किसानों को समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चना खरीद का लाभ मिल सके। इसके लिए केन्द्रों पर प्रतिदिन अधिकतम 120 किसानों से तुलाई के लिए एसएमएस की संख्या गुरूवार से दोगुनी कर दी गई है। प्रारंभ में खरीद केन्द्र पर अधिकतम 60 किसानों से तुलाई हो रही थी।
 
 श्री आंजना ने बताया कि सरसों एवं चना के लिए 799 खरीद केन्द्र स्वीकृत किये गये है और आवश्यकता होने पर खरीद केन्द्रों की संख्या बढाई जा रही है। उन्होंने बताया कि तुलाई के एसएमएस की संख्या दोगुनी हो जाने से किसानों से शीघ्र खरीद संभव हो पाएगी। किसानों को यह सुविधा भी प्रदान की जा रही है कि उन्हें एसएमएस के द्वारा केवीएसएस के अधिकृत कार्मिक के नम्बर भी भेजे जा रहे है ताकि वह उससे संपर्क कर शीघ्र अपनी उपज को बेच सके।
 
 सहकारिता मंत्री ने बताया कि 6 मई तक सरसों एवं चना के लिए 4 लाख 62 हजार 623 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसमें से 2 लाख 60 हजार 623 सरसों एवं 2 लाख 1 हजार 997 चना के है। उन्होंने बताया कि 139 खरीद केन्द्रों पर पंजीयन की क्षमता पूरी हो गई थी। इन केन्द्रों (सरसों के 52 तथा चना के 87) की पंजीयन सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इस निर्णय से करीब 10 हजार किसानों को और लाभ होगा।
 
 प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री नरेश पाल गंगवार ने बताया कि 17 हजार 118 किसानों से 203.65 करोड़़ रूपये की सरसों एवं चना की खरीद 6 मई तक की जा चुकी है। खरीद केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उपज बेचान के लिए 78 हजार 849 किसानों को एसएमएस द्वारा सूचित किया जा चुका है।
 राजफैड की प्रबंध निदेशक श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने बताया कि किसानों को उनकी सुविधाा के अनुसार उपज बेचान हेतु खरीद केन्द्र का आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 9 हजार 968 किसानों को 118.04 करोड़ रूपये का भुगतान सरसों, चना एवं गेहूं के पेटे राजफैड द्वारा किया जा चुका है। किसानों को तीन दिन में भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है।

जयपुर | पशुपालन विभाग ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान पशुओं को रोगों से बचाने एवं पशुपालकों को राहत पहुंचाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। राज्य में पशु चिकित्सा से जुडी तमाम ईकाईयां पूर्व की तरह यथावत खुली हैं एवं रोगी पशुओं की नियमित चिकित्सा की जा रही है।
 
पशुपालन मंत्री श्री लाल चन्द कटारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से कोविड-19 के संक्रमण के दौरान दिए गए निर्देशों के अनुसार पशुओं और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन में 65 प्रकार की औषधियां विभागीय चिकित्सा इकाइयों पर उपलब्ध है जबकि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पशु स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क, सेनेटाइजर, साबुन, ग्लब्स उपलब्ध कराए गए हैं।
 
उन्होने बताया कि पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजनान्तर्गत राज्य के सभी जिलों में पशु दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था की हुर्ई है।
 
 श्री कटारिया ने बताया कि राज्य की एकमात्र पशु वैक्सीन उत्पादक जैविक ईकाई द्वारा मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए गलघोंटू, फड़किया और लंगड़ा बुखार के 7 लाख टीकों का पशु चिकित्सा सस्ंथाओं को वितरण किया जा चुका है जबकि अगले सप्ताह तक 15 लाख और टीकों का वितरण कर दिया जाएगा। 
 
उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान पशु चारे के परिवहन को अनुमत कराया जा चुका है और राज्य की 1950 पंजीकृत गौशालाओं को पशुओं के भरण-पोषण के लिए 270 करोड़ रूपए के अनुदान का प्रावधान किया गया है जिसमें से 100 करोड़ रूपए का भुगतान पंजीकृत गौशालाओं के लिए किया जा चुका है। 
 
पशुपालन, मत्स्य और डेयरी की सभी गतिविधियां अनुमत 
 
पशुपालन मंत्री ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के तहत वर्तमान में चल रहे लॉक डाउन में राज्य में पशुपालन, मत्स्य और डेयरी की सभी गतिविधियां प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अनुमत की गई है। उन्हाेंने बताया कि पशु दाना व चारा, मुर्गी दाना, मछली आहार और पशुधन उत्पाद की बिक्री करने वाली दुकानें भी इसमें शामिल है। साथ ही मुर्गी पालन के लिए सभी विनिर्माण इकाईयां जिसके अन्तर्गत पैकेजिंग और अन्य इकाईया जो आपूर्ति का हिस्सा है को भी अनुमत किया गया है।
 
 
35 हजार पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़
 
श्री कटारिया ने बताया कि विभाग की ओर से राज्य के पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लगभग 35 हजार पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़वाया जा चुका है और उनके आवेदन संबंधित बैंकों को अग्रेषित करवाये जा चुके हैं।
 
विभागीय गतिविधियों को गति देने के लिए
134 करोड़ की कार्य योजना बनाई
 
पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के तहत विभागीय गतिविधियों को पुनः गति प्रदान करने के लिए 134.31 करोड़ की कार्य योजना तैयार की गई है जिसमें पशु स्वास्थ्य, नस्ल सुधार, कुक्कुट तथा ऊंट पालन के लिए प्रोत्साहन कार्य किए जाएंगे। साथ ही अनुसूचित जनजाति विकास के अन्तर्गत प्रदेश में आदिवासी जाति के पशुपालकों के विकास के लिए 12.61 करोड़ के त्रिवर्षीय प्रस्ताव भी तैयार कर आयोजना विभाग को भिजवाए गए है।

जयपुर | जिला प्रशासन को लॉकडाउन के कारण अपने घरों में रहने को मजबूर, रोज खाने कमाने वालों, श्रमिकों, माइग्रेन्ट्स व अन्य जरूरतमंदों के लिए दोनों समय के भोजन की चुनौती को पूरा करते हुए हुए बुधवार को डेढ माह पूरा हो गया। 23 मार्च को मात्र 1000-1200 फूड पैकेट्स के वितरण से प्रारम्भ हुआ यह सफर अब तक लाखों जरूरतमंदों को फूड पैकेट्स के वितरण के बाद भी अनवरत जारी है। मुख्यमंत्री के संकल्प ‘‘एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए‘‘ से प्रेरित जिला प्रशासन, अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रयासों से शहर में जब तक लॉकडाउन के कारण एक भी व्यक्ति को भोजन की जरूरत है, यह सिलसिला अनवरत जारी रहेगा। 
 
जिला कलक्टर डॉ.जोगाराम ने बताया कि कोविड-19 और इससे जुड़ी चुनौतियां जिला प्रशासन के लिए भी नई थीं, इनमें चिकित्सकीय पहलू के साथ सबसे बड़ी चुनौती हर जरूरतमंद तक भोजन पहुंचाने की थी। पीडीएस और कच्ची राशन सामग्री वितरण के बावजूद तत्काल जरूरतमंदों की मांग का आकलन कर तैयार खाना पहुंचाना सबसे जरूरी और चुनौतीपूर्ण काम था। रोजाना इतनी बड़ी संख्या में फूड पैकेट्स का निर्माण, परिवहन और जरूरतमंद तक वितरण काफी श्रम एवं समय साध्य है। शुरूआत में सबसे पहले नगर निगम के 13 रैन बसेरा स्थलों एवं अक्षय पात्र द्वारा करीब 20 अक्षय कलेवा स्थलों पर तैयार खाने का वितरण प्रारम्भ किया गया लेकिन धीरे-धीेरे मांग बढने लगी। 
 
जिला कलक्टर ने बताया कि जब शहर में मांग तेजी से बढी तो नगर निगम जयपुर के आयुक्त श्री वी.पी.सिंह के निर्देशन में जयपुर स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट के सीईओ श्री लोकबन्धु एवं उनकी पूरी समर्पित टीम इसके लिए तैयार की गई, जिसकी जिम्मेदारी न सिर्फ भोजन का निर्माण और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वितरण कराना बल्कि पूरे तंत्र मे आने वाली हर समस्या का त्वरित समाधान करना था। खाने की गुणवत्ता और समयबद्धता पर भी इस टीम को पूरी निगरानी रखनी थी जिसे उन्होने बखूबी निभाया।
 
व्यवस्था के प्रारम्भ में अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय श्री पुरूषोत्तम शर्मा ने फूड निर्माण एवं वितरण का ढांचा तैयार किया एवं डीएसओ श्री कनिष्क सैनीे ने संस्थाओं से बात कर इस व्यवस्था में अहम योगदान दिया। जिला कलक्टे्रट कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष श्री अमित जैमन और महासचिव श्री प्रदीप सिंह राठौड़ के नेतृत्व में पूरी कर्मचारी यूनियन ने भी व्यवस्था को जमाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी।  सिविल डिफेंस के उपनियंत्रक श्री जगदीश रावत के नेतृत्व में सिविल डिफेंस टीम ने भी पूरी व्यवस्था में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली।

जिला कलक्टर ने बताया कि पूरे जयपुर शहर की मांग को पूरा करने का बडा लक्ष्य बिना समर्पित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संभव नहीं था। तहसीलदार श्री नरेन्द्र कुमार जैन, तहसीलदार श्री बलबीर सिंह, स्मार्ट सिटी के अधिशाषी अभियंता श्री अजय कुमार सिन्धु इस पूरी व्यवस्था के प्रबन्धन की अहम कड़ी हैं।
 
जिला कलक्टर ने बताया कि जिला प्रशासन, स्मार्ट सिटी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, इंजीनियर्स, शिक्षा विभाग के अध्यापक, बूथ लेवल अधिकारी, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक समेत 600 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी 23 मार्च से बिना एक भी दिन छुट्टी किए सुबह 7 बजे से रात के 11 बजे तक जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने के काम में लगे हैं ताकि शहर में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए। जब रामगंज एवं परकोटा क्षेत्र में कफ्र्यू लगा तो वहां संक्रमित क्षेत्रों में भी जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने का काम इन अधिकारी-कर्मचारियों ने पहले की तरह ही जारी रखा। आज भी परकोटा क्षेत्र में पहले की ही तरह फूड पैकेट्स वितरित किए जा रहे हैं। उन्होने बताया कि हर बार फूड वितरण के साथ कर्मचारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने का भी ध्यान रखा जाता है। 
 
कन्ट्रोल रूम, वार रूम, सर्वे और विभिन्न ग्रुप से भी लगातार सूचना
 
स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री लोकबन्धु ने बताया कि शहर में किसे और कहां फूड पैकेट्स की जरूरत है, यह सूचना लगातार 24 घंटे जिला कलक्टे्रट के कन्ट्रोल रूम पर, वार रूम में, बूथ लेवल ऑफिसर्स द्वारा क्षेत्रीय सर्वे में, अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल पर, दूसरे राज्यों से, स्वयं जरूरतमंदों से लगातार मिलती रही है। इन सूचनाओं पर सतत निगरानी बनी रहती है और हर सूचना को उसके निस्तारण तक फॉलो किया जाता है क्योंकि यह किसी जरूरतमंद को भोजन प्रदान करने जैसे पुनीत कार्य से जुड़ी होती है।  यहां तक कि संभव होने पर सूचना देने वाले को भी भोजन वितरण की जानकारी दी जाती है। सूचना मिलते ही भोजन वितरण के लिए निर्धारित 53 फूड सेंटर्स में से निकटतम से जरूरतमंद को भोजन पहुंचाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। 
 
भोजन की गुणवत्ता को किया सुनिश्चित
 
श्री लोकबन्धु ने बताया कि लाखों की संख्या में फूड पैकेट्स का निर्माण एवं वितरण होने के कारण भोजन की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाना भी जरूरी था। इसके लिए लगातार बड़ी भोजनशालाओं में निरीक्षण एवं सैम्पलिंग की गई। अधिकारियों की टीम ने कई बार कार्यक्षेत्र में वही भोजन स्वयं भी ग्रहण किया। यहां तक कि भोजन के निर्माण के लिए भी एगमार्क मानक की ही सामग्री उपयोग ली गई जैसे आटा, तेल, मसाले आदि। विभन्न स्तरों पर समय-समय पर यह परीक्षण भी जारी है।
 
प्रवासियों, यात्रियों, अस्पतालों के लिए भोजन व्यवस्था
 
स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री लोकबन्धु ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा शहर में जरूरतमंदों के लिए भोजन व्यवस्था के साथ ही साथ दूसरे राज्यों से रेल द्वारा यहां पहुंचे हजारों लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की गई जिन्हें बसों द्वारा तीस से अधिक जिलोंं में भेजा गया है। इसी तरह यूपी और अन्य राज्यों को जाने वाली सैकड़ों बसों के यात्रियों को भी रास्ते के लिए भोजन उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा कई अस्पतालों, फील्ड वर्कर्स, कुछ श्रमिक कैम्प व जरूरत के अनुसार अलग-अलग जगह से मांग आने पर भोजन की आपूर्ति की गई। 
 
बनाए रखा संस्थाओं का उत्साह
 
शुरू में जिला प्रशासन के अलावा भी कई स्वयंसेवी संस्थाएं मुख्यमंत्री की अपील से प्रेरित होकर और प्रदेश की परम्परा के अनुरूप अपने स्तर पर जरूरतमंदों को भोजन प्रदान करने में जुट गईं। लेकिन प्रयासों के दोहराव के कारण जिला प्रशासन के आग्रह पर इनमें से कई संस्थाएं प्रशासन के वितरण तंत्र में शामिल हो गईर्ं। इन संस्थाओं की राशन, वाहन पास, कार्मिक पास, ईंधन जैसी कई समस्याओं को जिला प्रशासन द्वारा दूर किया गया एवं इस महत्वपूर्ण कार्य में उनका उत्साह बनाए रखा गया। इसी समन्वित प्रयास के कारण लगभग 150 संस्था जिनमें एनजीओ, स्वयंसेवी संस्थाएं यथा राधास्वामी सत्संग न्यास, जैन रसोई, अक्षय पात्र, जैन तेरापंथी, कुहाड़ ट्रस्ट, हीरावाला इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन, सीतापुरा इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन  आदि संस्थाओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी बनाए रखी है।
 
एप से निगरानी, अचानक आई मांग को भी किया पूरा
 
जयपुर जैसे महानगर में कई बार पूर्व निर्धारित और कई बार अचानक फूड पैकेट्स की मांग और आपूर्ति एक बड़ा काम है। इसे व्यवस्थित करने के लिए तकनीक का भी उपयोग किया गया। भोजन बनने से वितरण तक के कार्य की एप के माध्यम से निगरानी की गई। श्री लोकबन्धु ने बताया कि कई बार फूड पैकेट्स की मांग अचानक और भोजन वितरण के सामान्य समय से अलग समय पर प्राप्त हुई तब एप के जरिए प्रबन्धन कर निकटतम स्थान से जरूरतमंदों को पैकेट्स भिजवाए गए।
 
विशेष लेख हर जरूरतमंद को भोजन के लिए संकल्पित जिला प्रशासन छह सौ से अधिक अधिकारी-कर्मचारी बिना अवकाश डेढ़ माह से  रोजाना 14 घंटे से अधिक फील्ड में रहकर कर रहे व्यवस्था

E-Maruwani

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