चिकित्सा अधिकारियों के जज्बे से कोविड-19 के फैलने पर लगा विराम
सिणधरी | वैश्विक महामारी के इस दौर में सिणधरी चिकित्सा विभाग सतर्क रहकर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहा है कोविड-19 से निपटने के लिए चिकित्सा अधिकारियों के साथ अन्य कर्मचारी मिलकर मैदान में डटे हुए हैं क्षेत्र में पहला पॉजिटिव केस भोजासर में दूसरा पॉजिटिव केस अंणखिया, तीसरा बामणी में आने के बाद चिकित्सा विभाग के हाथ-पांव फूलने के बावजूद भी विभाग के इन होनहार कोरोना कर्मवीर की टीम नें कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हुए कोरोनो की रफ्तार को रोक लिया। और चिकित्सा विभाग की टीमें दिन रात कोरोना की जंग को जीतने के लिए डटी हुई हैं।
यह है कोरोना योद्धा
डॉक्टर उमेदाराम चौधरी, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी सिणधरी |
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ उम्मेदाराम चौधरी कोविड-19 संक्रमण काल में कप्तान की भूमिका में काम कर रहे हैं मूलरूप से निवासी राखी,समदङी के निवासी हैं पिता हंसाराम व माता लीलादेवी से अस्सी किलोमीटर दूर मूल गांव में निवास करते हैं उन्होंने बताया कि मेरी धर्मपत्नी गांव में रहकर माता-पिता की सेवा कर रही है बच्चे अवश्य ही मिलने की जिद्द करते हैं मगर फोन पर ही बात कर संतुष्ट कर देता हूँ में मेरे माता-पिता के दिए हुए संस्कारों से डॉक्टर धर्म का निर्वहन कर रहा हूं । लॉक डाउन के बाद सिणधरी क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव के तीन मामले आने से सिणधरी रेड जोन में क्षेत्र घोषित हो गया जिससे दिन रात ड्यूटी करनी पड़ रही हैं। परिवार से सप्ताह में एक दो बार बात ही हो पाती हैं। माता पिता हमेशा मेरी चिंता करते हैं लेकिन में उन्हें हमेशा सतर्क रहने का भरोसा दे रहा हूँ । डॉ चौधरी हमेशा सजग रहते हुए अपनी टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर अनूठी मिसाल कायम कर कोरोनो योद्धा की तरह काम रहे हैं।
डॉक्टर अर्जुनराम बिश्नोई, शिशु रोग विशेषज्ञ |
मूलरूप से पादरू के निवासी डॉ बिश्नोई बताते हैं कि लॉक डाउन के बाद लगातार ड्यूटी पर हूं माता-पिता से फोन पर ही प्रणाम हो पाते हैं क्षेत्र को रेड जोन में शामिल करने के बाद जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है क्षेत्र को सुरक्षित रखना ही हमारा लक्ष्य है और हम इस कार्य हेतु दिन-रात लगे हुए हैं पत्नी एवं छः माह की बेटी से अलग ही रहना पड़ रहा हैं। सीएससी का प्रभारी होने के नाते अस्पताल की संपूर्ण जिम्मेदारी को सतर्क रहकर निभानी पङ रही है चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए अस्पताल में 18 से 20 घंटे स्टाफ ड्यूटी कर रहा हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिणधरी के समस्त कर्मचारी कोविड-19 के संक्रमण काल में चिकित्सा विभाग के निर्देशों की पालना करते हुए कोरोना वॉरियर्स की भूमिका को निभा रहे हैं। किसान परिवार से होने के नाते ग्रामीणों के दुःख दर्द से भली भांति परिचित हूं सेवा ही धर्म है ।
डॉक्टर अमृत सोनी, चिकित्सा अधिकारी |
चिकित्सा विभाग में डॉक्टर के तौर पर इनकी पहली पोस्टिंग सिणधरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई, जॉइनिंग के कुछ दिनों बाद ही कोविड-19 कि वैश्विक महामारी का प्रकोप भी क्षेत्र में आ गया। इस स्थिति में परिवार के संस्कारों, जन्म व कर्म भूमि के लोगों की बेहतरीन सेवा करने का इन्हें मौका मिला। डॉक्टर सोनी बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा सेवाएं कमजोर होने की वजह से मेरे पिताजी ने मुझे डॉक्टर बनाने का सपना देखा था वह मैंने पूरा करते हुए इस संक्रमण काल में यहां के लोगों की बेहतरीन सेवा की हैं। क्षेत्र के बामणी में कोविड-19 पॉजिटिव मिलने के बाद मुझे भी मेरे परिवार से अलग रहना पड़ रहा हैं। मेरी चार वर्ष की बेटी मेरे घर जाने पर नजदीक आने की चेष्टा करती है लेकिन पत्नी उन्हें दूर ही रखती हैं। यहां क्षेत्र में नजदीक मे कयी गांव होने की वजह से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ज्यादा मरीज आते हैं। जिनकी बेहतरीन देखभाल पिता के संस्कारो की देन है वैसे तीनों ही कोरोनो योद्धा किसान परिवार से आते हैं जो ग्रामीण क्षेत्रोंकी चिकित्सा सुविधा व भौगोलिक परिस्थितियों से भली भांति परिचित हैं