मशहूर शायर राहत इंदौरी के निधन से देश भर के शायरों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके बारे में कहा जाता है कि बड़ा शायर वो है जो शेर बतौर शायर नहीं बल्कि बतौर आशिक कहे। जब लोग राहत इंदौरी साहब को सुनते हैं या पढ़ते हैं तो उन्हे एक ऐसा शायर नज़र आता है जो अपना हर शेर बतौर आशिक कहता है। वह आशिक जिसे अपने अदब के दम पर आज के हिन्दुस्तान में अवाम की बेपनाह महबूबियत हासिल है। शायरी को लेकर ग़ालिब, मीर, ज़ौक, फैज़. इक़बाल आदि मुतालिए (अध्यन) के विषय हैं और हमेशा रहेंगे। इनके मुतालिए के बिना तो शेर शुद्ध लिखना और ग़ज़ल समझना भी दूर की बात है लेकिन ग़ालिब, मीर, ज़ौक, फैज़ और इक़बाल जैसे बड़े शोअराओं के अलावा आज हिन्दी-उर्दू का कैनवस इतना बड़ा सिर्फ इसलिए है क्योंकि अदब की मशाल राहत इंदौरी जैसे शायर के हाथ में है।
मशहूर शायर राहत इंदौरी के निधन पर शायर मुनव्वर राना, कवि कुमार विश्वास एवं देश भर के साहित्यकारों, कवियों, शायरों व राजनीतिक नेताओं ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है। (11 अगस्त 2020)
मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब नहीं रहे
मशहूर शायर राहत इंदौरी का आज शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। 70 वर्षीय राहत इंदौरी कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे, जिसके उपचार के लिए उन्हे इंदौर के अरविंदो अस्पताल में 10 अगस्त की देर रात भर्ती कराया गया था। राहत इंदौरी के बेटे सतलज ने इस बात की जानकारी दी थी, बाद में खुद भी राहत इंदौरी ने इस बारे में ट्वीट किया था।
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मरूवाणी न्यूज़ नेटवर्क